
नई दिल्ली, सत्यकेतन समाचार। कोरोना महामारी के बढ़ते मामलों के चलते बहुत से लोग अपनी जान गवां रहे हैं, बहुत से लोग अपने परिजनों को खो रहे हैं. ऐसे में विपदा और भी विकराल रूप ले रही है जब कहीं इंसान दूसरे की मदद करने के बजाए, खुद ही एक अन्य मुसीबत बनकर दूसरों के घरों में प्रवेश कर रहा हो. ऐसा ही एक लूट-पाट का मामला दिल्ली के मुखर्जी नगर थाने में आया है.
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, 29 अप्रैल को मुखर्जी नगर थाने में चोरी को लेकर एक कॉल आई. पुलिसकर्मियों ने पूछा तो उन्हें मालूम पड़ा कि, मुखर्जी नगर के मलिक पुर गाँव में स्थित एक घर से 35,50,000 नकद रुपयों और गहनों की चोरी हो गई है. कंप्लेंट कॉल करने वाला व्यक्ति और कोई नहीं, उस घर का मालिक था. और उसने बताया कि, अभी कुछ दिनों पहले ही उसके पिता का कोरोना वायरस के चलते देहांत हो गया है और इसी सिलसिले में पूरा परिवार आजमगढ़ गया हुआ था. अंतिम संस्कार कर 30 अप्रैल को वापस लौटे सूरज गुप्ता (शिकायतकर्ता) की कंप्लेंट पर थाना पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर लिया।
मामले की गंभीरता को समझते हुए थाने के एसएचओ, करण सिंह राणा ने एसीपी विपुल अनीकांत को शामिल कर एक टीम तैयार की. पूरी टीम को चोरी और डकैती के मामलों की तह तक जाने के लिए तैनात कर दिया गया. बाद में लोकल लोगों से पूछताछ करने पर पता चला कि, सूरज गुप्ता के घर से पैसों और गहनों को चोरी करने वाले, उसके पड़ोस के ही 2 लड़के थे। थाना पुलिस ने दोनों को हिरासत में ले लिया। उनसे सवाल करने पर, उन दोनों ने क़ुबूल लिया कि, उन्होंने ने ही सूरज के घर से 35,50,000 रुपयों की चोरी की थी. बता दें, चोरी को अंजाम देने वाले अभियुक्तों का नाम अक्षय कुमार उर्फ़ बाबू और प्रकाश उर्फ़ काली कर के सामने आया है. इन दोनों के ऊपर पहले भी चोरी झपटी और डकैती जैसे जुर्मों के कई मुक़दमे दर्ज हैं.
फिलाहल सोमवार को, मुखर्जी नगर थाना पुलिस ने उनसे कुल 35,42,916 रूपए और पिछले दो केस के 30,000 बरामद कर लिए हैं. वहीँ, पिछले चोरी के मामलों की पड़ताल अभी जारी है.