कोरोना के टीके की जगह महिलाओं को लगा दिया एंटी रेबीज का टिका, एक की हालत गंभीर

कोरोना के टीके की जगह महिलाओं को लगा दिया एंटी रेबीज का टिका, एक की हालत गंभीर

नई दिल्ली, सत्यकेतन समाचार। भारत के कोरोना संक्रमित रोग के बढ़ते मामलों को मद्देज़र रखते हुए हर राज्य की सरकार ने अपने अपने क्षेत्र में कोरोना का टीकालगवाना आवश्यक कर दिया है। इसी बीच उत्तर प्रदेश के शामली जिले से एक बड़ा ही लापरवाही वाला मामला सामने आया है. जहां पर, 3 महिलाओं को कोरोना के टीके की जगह स्वास्थ कर्मचारी ने एंटी रेबीज का टिका लगा दिया।

एंटी रेबीज वैक्सीन लगाई गयी महिलाओं में से एक की हालत गंभीर पायी गयी है और बाकि दो का स्वास्थ सामन्य है. फिलहाल, तीनों महिलाओं और उनके परिजनों ने चिकित्सा अधीक्षक से गलत टीकाकरण मामले की शिकायत कर इन्साफ की गुहार लगाई है.

चलिए देखते हैं क्या है पूरा मसला

दरअसल, उत्तर प्रदेश के शामली जिले के एक ग्रामीण क्लिनिक में बीते गुरूवार को करीब 45 वर्षीय 3 महिलायें जिनके नाम अनारकली, सरोज और सत्यवती हैं, वह कोरोना वायरस से बचाव का टीका लगवाने गई थी. वहाँ पर मौजूदा वैक्सीनेशन स्टाफ़ ने पास के मेडिकल स्टोर से सिरिंज मंगाकर तीनो महिलाओं को टिका लगाने के उपरान्त उन्हें घर जाने को कह दिया।

घर पहुँचने के बाद, सरोज को घबराहट और चक्कर सा महसूस होने लगा. जिसके बाद, उनके परिजन उन्हें पास के निजी अस्पताल में लेकर गए. जहाँ उन्होंने पिछले टीकाकरण की पर्ची दिखाई तो, डॉक्टर भौचक्का रह गए. और डॉक्टर ने बताया कि सरोज को कोरोना वैक्सीन की जगह एंटी रैबीज़ का इंजेक्शन लगा दिया जो कि आमतौर पर कुत्तो के काटे जाने पर लगाए जाते हैं. मालूम पड़ने पर, बाकि दो स्त्रियों को भी बुलाया गया और उनकी भी पर्ची की जांच करने के दौरान पता चला कि उन्हें भी रेबीज का टिका लगाया गया है.

ख़बरों के मुताबिक, अधीक्षक डॉ. विजेंद्र का कहना है कि यह केस उनके अंतर्गत आ गया है. यह पूरी घटना महज़ लापरवाही से भरी हुई है. सीएमओ डॉ. संजय अग्रवाल ने ऐलान किया कि, मामले पर पड़ताल होने के बाद उन स्वास्थ कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई कराई जाएगी।