Colour Science: इन रंगों से आपकी रोजमर्रा की ज़िंदगी में पड़ेगा असर !

Colour Science: इन रंगों से आपकी रोजमर्रा की ज़िंदगी में पड़ेगा असर !

Colour Science, रितेशु सेन। इसमें कोई दो राय नहीं है कि, रंगों का हमारे दैनिक जीवन में अत्यधिक प्रभाव पड़ता है. उदहारण के तौर पर, भड़कीले रंगों से हमारा मिजाज़ गर्म और दुखी हो जाता है, वहीँ दूसरे हलके रंग हमारे इंद्रियों को उत्तेजित और सक्रिय करते हैं, जबकि शांत रंग ताजगी और शांति का प्रदान करते हैं. ठीक उसी तरह, कुछ ऐसे रंग भी होते हैं जो हमें चीज़ों को लंबे वक़्त तक याद रखने में मददगार साबित होते हैं.
इस पोस्ट में हम संक्षेप में चर्चा करेंगे कि आप किन शांत रंगों का उपयोग कर, अपनी और अपने बच्चों की याद्दाश्त तेज़ कर सकते हैं.

वैसे तो,शांत रंगों में कई तरह के कलर आ सकते हैं, हरे, सफ़ेद, पीले, बैंगनी जिनमें सबसे ठंडा नीला रंग होता है। ये शेड ज्यादातर हमें प्रकृति, पानी, अंतरिक्ष और आकाश की याद दिलाते हैं. सही रंग का सही चयन करने से हमारी भावनाएं, ध्यान और व्यवहार सही ढंग से प्रभावित होते है। अल्जाइमर के रोगियों के साथ किए गए एक शोध से पता चला है कि रंग संकेतों से याददाश्त में सुधार होता है और विद्द्यार्थी काले- सफेद रंग की तुलना में रंग बिरंगे अक्षरों, तस्वीरों और पन्नो को अधिक आसानी से याद कर पाते हैं.

तो चलिए देखते हैं, वो कौन कौन से मुख्य चार रंग होते हैं जिनसे हम शांत और सकारात्मक महसूस करने के साथ हमारी मेमोरी भी स्ट्रांग होती है:

  1. हरा –
    आप शायद यह पहले से ही जानते होंगे कि, हरा रंग एकाग्रता का प्रतिक होता है और ज़्यादा एकाग्रता से देखी या पढ़ी गई चीज़ें अर्सें तक याद रहती है. इससे कम तरंग, संयम और शांति को भी बढ़ावा मिलता है.
    यही कारण है कि टीवी सितारे अक्सर ‘ग्रीन रूम’ में रहते हैं वहां उन्हें न सिर्फ आरामदायक महसूस होता है बल्कि, लंबे समय तक ध्यान केंद्रित और स्पष्टता बनी रहती है. इसलिए यह कहना ग़लत नहीं होगा कि, दफ्तर-कार्यालय के लिए भी हरा रंग एक अच्छा विकल्प हो सकता है जिसे उत्तेजक और रोमांचक के रूप में देखा जाता है।
  2. नीला-
    कुछ शोध के अनुसार, जो लोग अत्यधिक बौद्धिक कार्य करते हैं या जिन्हें उच्च मानसिक भार वाली गतिविधियों से जूझना पड़ता है जैसे, प्रोग्रामर या शिक्षाविद, उन्हें नीले वातावरण में रहना चाहिए. ऐसा इसलिए, क्योंकि वे लोग नीले वातावरण में अधिक उत्पादक(productiveness) को अनुभव कर पाते हैं। गहरे रंग थोड़े अधिक आकर्षक लगते ज़रूर हैं लेकिन हल्के रंग अधिक अनुकूल प्रतीत होते हैं खासकर नीला रंग. बता दें, ब्लू कलर का उपयोग मेमोरी स्ट्रांग करने और सीखने की स्थिति के लिए सबसे अच्छा माना जाता है। यही नहीं, ब्लू पेपर, ब्लू इंक, या ब्लू हाइलाइटिंग का उपयोग रीडिंग कॉम्प्रिहेंशन को बेहतर बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। सामान्य रूप से नीला एक आरामदायक और शांत रंग होता है.
  3. ऑरेंज-
    ऑरेंज रंग को दो शब्दों में बयां किया जाए तो यह मूड लिफ्टर का काम करता है, जैसे कि क्षितिज पर नारंगी सूरज की स्थापना के बारे में सोचो। अच्छा लगा ना?
    नारंगी शिक्षार्थियों के लिए एक स्वागत योग्य और मनोदशा उठाने वाला रंग होता है, जो बदले में आराम को बढ़ावा देता है और तंत्रिका कामकाज में सुधार करता है। कुछ विशेषज्ञों का तर्क है कि, रंग नारंगी में समृद्ध वातावरण मस्तिष्क को ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ाता है, साथ ही मानसिक गतिविधि को उत्तेजित करता है।
    और यह तो साफ़ है कि, मानसिक तौर पर तेजस और स्वस्थ महसूस करने से हम प्राप्त की हुई चीजों को काफी दिनों तक याद रख पाते है। कुछ रिसर्चर्स ने यह भी सुझाव दिया है कि, परीक्षार्थियों को उत्तेजित करने के लिए परीक्षा केंद्रों को नारंगी रंग से रंगा जाना चाहिए।
  4. बैंगनी-
    यह रंग रोमांस, विलासिता और रहस्य को बढ़ावा देता है। बैंगनी, लाल रंग से अधिक ऊर्जा का संयोजन होता है और यह नीले रंग की अपेक्षा अधिक शीतलता का अनुभव कराता है. इसके अलावा, यह गरिमा, ज्ञान, रचनात्मकता, कल्पना और जादू से जुड़ा होता है।
    विशेषज्ञों का दावा है कि, बैंगनी रंग नरम-कौशल पाठ्यक्रमों के लिए सबसे उपयुक्त है। बैंगनी रंग से विद्यार्थियों की कल्पनाशील और रचनात्मक क्षमता बढ़ती है और वह किसी भी जानकारी की खोज करने के लिए अधिक जिज्ञासु बनते हैं.