कब तक चलेगा किसान आंदोलन,  ये बोले राकेश टिकैत

कब तक चलेगा किसान आंदोलन, ये बोले राकेश टिकैत

नई दिल्ली, सत्यकेतन समाचार। भारतीय किसान पिछले 100 से अधिक दिनों से 3 कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहें हैं. इस अविराम आंदोलन को देखते देखते सभी यह जानने के जिज्ञाशु हो गए हैं कि आखिरकार झुकेगा कौन सरकार या किसान। यह अनुमान लगाया जा रहा है कि, इस खींचातानी के खेल पर आगामी दिसंबर को पूर्णविराम लग जाएगा।

यह बात भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता, राकेश टिकैत ने बीते रविवार प्रयागराज में कही है. दरअसल, पश्चिम बंगाल से प्रयागराज पहुंचे राकेश टिकैत से जब पत्रकारों ने किसान आंदोलन पर सवाल दागने शुरू कर दिए तो उन्होंने एक-एक का जवाब देते हुए कहा कि, “नवंबर-दिसंबर तक इस आंदोलन के चलने की उम्मीद है.”

उन्होंने संवाददाताओं को यह भी बताया कि, “हमारी पूरे भारत में बैठक चल रही है। अभी हम बंगाल के दौरे से आएं है, इसके बाद हम मध्य प्रदेश में बैठक करेंगे। उसके बाद 17 मार्च को गंगानगर, 18 मार्च को गाजीपुर बार्डर और उसके बाद 19 तारीख को ओडिशा में रहेंगे। और फिर 21-22 मार्च को कर्नाटक जायेंगे.” टिकैत ने कहा कि, वह हर गाँव के किसानों को यह बात समझायेंगे की वो सरकार से एमएसपी का कानून बनवाने की मांग करें।

उन्होंने कहा, अभी हाल ही में बिहार में 1 क्विंटल धान को करीब 700 से 900 रूपए में खरीदा गया, हमारी कोशिश है कि एमएसपी का कानून बनाया जाए ताकि इससे कम रेट पर कोई हमारे अनाजों की खरीद न सके.

साथ ही टिकैत ने कहा कि हम तो दिल्ली में ही रहेंगे लेकिन, देखना हमारी बैठकेँ पूरे भारत में होगी, सबको बताएंगे कि इस नए 3 कृषि कानूनों के आने से छोटे दूकानदारों का रोज़गार खत्म हो जाएगा, व्यापारी समूह खत्म हो जाएगा, स्माल इंडस्ट्रीज और साप्ताहिक बाजार भी खत्म हो जाएंगे,

पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए, टिकैत ने सरकार पर निशाना साधा और कहा कि, अगर हमारी यह सरकार किसी एक पार्टी से संबंध रखती तो हम बेझिझक उनसे बात करते लेकिन इस सरकार को तो बड़ी बड़ी कंपनियां चला रही है. इस सरकार की तो पूरा देश बेचने की योजना है, बैंक इंस्टीटूशन्स, हवाई अड्डे, एलआईसी, सब कुछ तो बिक गया है. अगर हम ए.सी-पंखे में सोते रहे तो वाकिय में देश बिक जाएगा।