नई दिल्ली, सत्यकेतन समाचार। नए कृषि कानूनों के विरोध चल रहे किसान आंदोलन के चलते शुक्रवार को भी दिल्ली के कई मार्ग बंद रहे और वाहन रेंगते नजर आए। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ट्विटर के जरिए लोगों को बंद मार्गों के बारे में जानकारी देती रही और वैकल्पिक मार्गों से जाने की सलाह दी। अधिकारियों का कहना है कि शनिवार को लोग मार्गों के बारे में जानकारी करने के बाद ही घरों से निकलें। किसानों ने शनिवार को टोल टैक्स बूथों को टोल फ्री करने का एलान किया है।
आंदोलन के चलते सिंघु बॉर्डर, टीकरी, गाजीपुर और चिल्ला बॉर्डर (नोएडा-दिल्ली) वाले मार्ग दो सप्ताह से बंद हैं। दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार सुबह लोगों को ट्वीट कर जानकारी दी कि टीकरी और डासना बॉर्डर आवाजाही के लिए पूरी तरह बंद कर दिए गए हैं। झटीकरा बॉर्डर दुपहिया व पैदल यात्रियों के लिए खुला हुआ है। दिल्ली पुलिस ने हरियाणा व पड़ोसी राज्यों से आने वाले लोगों को झरौंदा, दौराला, कापसहेड़ा, बादूसराय, एनएच-8 पर रजोकरी, बिजवासन, पालम विहार और डूंडाहेडा बॉर्डर से दिल्ली आने की सलाह दी। दिल्ली में शुक्रवार को आया नगर बॉर्डर, डीएनडी, रजोकरी, जीटी करनाल रोड, नोएडा लिंक रोड और रोहतक रोड समेत आसपास के इलाकों में जाम रहा।

दूसरी तरफ किसानों ने 12 दिसंबर को टोल बूथों को टोल फ्री करने व कई हाइवे को जाम करने की चेतावनी दी और 14 दिसंबर को रेलवे ट्रैक पर प्रदर्शन करने का एलान किया है। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस अधिकारियों ने बताया कि शनिवार को कहीं पर भी जाम होने नहीं दिया जाएगा। अगर कहीं कुछ गड़बड़ होती है तो उसकी जानकारी सोशल मीडिया व अन्य तरीकों से दी जाएगी।
टोल फ्री होने से पहले ही आउटर रिंग रोड पर जाम
किसानों के विरोध के कारण सीमाओं पर वाहनों के डायवर्जन के आउटर रिंग रोड पर शुक्रवार को जगह जगह वाहनों का जाम लगा रहा। शनिवार को टोल प्लाजा फ्री करने और जयपुर-दिल्ली हाइवे बंद किए जाने से हालात और भी बिगड़ने की आशंका जताई जा रही है। दोपहर बाद पीतमपुरा से सिंघू बॉर्डर के बीच वाहनों को पहुंचने में भारी जाम का सामना करना पड़ा। बीच में सर्विस रोड पर बसों सहित बड़े वाहनों को डायवर्ट किए जाने की वजह से भी वाहनों की आवाजाही में काफी देरी हुई। वाहनों को पहले ही डायवर्ट कर दिए जाने की वजह से सीमा के दोनों तरफ सैक्ड़ों की संख्या में लोगों को पैदल चलना पड़ा। सड़कों पर हजारों की संख्या में बगैर मास्क प्रदर्शनकारियों की मौजूदगी से पैदल चलने वालों को भी संक्रमण की चिंता सताती रही।