नई दिल्ली, सत्यकेतन समाचार। स्वच्छ सर्वेक्षण के मद्देजनर पूर्वी दिल्ली नगर निगम द्वारा बिसलरी के साथ मिलकर बाॅटल्स फॉर चेंज नाम से एक कार्यक्रम चलाया जा रहा है जिसमें लोगों को प्लास्टिक के पर्यावरण पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों के बारे में न केवल जागरूक किया जा रहा है बल्कि प्लास्टिक के स्रोत पर ही पृथकीकरण और उनके रि-साइकल के महत्व के बारे में बताया जा रहा है। इस कार्यक्रम के अन्तर्गत पूर्वी निगम क्षेत्र में हाउसिंग सोसाइटी, स्कूलों, कॉलेजो, व्यवसायिक परिसरों, होटलों में जाकर प्लास्टिक से वातावरण पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों, उसके पृथकीकरण, अलग से संग्रहण और इकट्ठे किए गए प्लास्टिक को रि-साइकल करने के बारे में विस्तार पूर्वक बताया जा रहा है।
मुख्य अभियंता, प्रदीप कुमार खंडेलवाल ने बताया कि यह कार्यक्रम लोगों में व्यवहारात्मक बदलाव लाने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है। उन्होंने बताया इस कार्यक्रम के द्वारा लोगों को प्लास्टिक प्रबधंन का बारे में बताया जा रहा है। उन्हें बताया जा रहा है कि प्लास्टिक को व्यर्थ जानकर उसे कचरे में ना फेंके बल्कि प्लास्टिक का प्रयोग करने के बाद उसे साफ करके इकट्टा करें और फिर उसे रि-साइकल के लिए भेजे। उन्होंने कहा कि इस प्रकार व्यवहारात्मक बदलाव लाकर पर्यावरण को प्लास्टिक से होने वाले दुष्प्रभावों से बचाया जा सकता है।

निदेशक मार्केटिंग, बिसलरी इंटरनेशनल, अंजना घोष ने बताया कि सामान्यतः लोगों को इस बात का ज्ञान नहीं होता कि प्लास्टिक को रि-साइकल किया जा सकता हैै। जबकि सच्चाई यह है प्लास्टिक को रि-साइकल के द्वारा अनेकों बार प्रयोग किया जा सकता है। उन्होने कहा कि केवल व्यवहारात्मक बदलाव के द्वारा बेहतर तरीके से प्लास्टिक प्रबंधन किया जा सकता है। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि प्लास्टिक का कचरा ना माने और उसे इकट्टा करके रि-साइकल के लिए भेजें।
खंडेलवाल ने बताया कि मयूर विहार फेस-1, आचार्य निकेतन, लक्ष्मी लगर मार्केट, विकास मार्ग, कृष्णा नगर मार्केट क्षेत्र में यह कार्यक्रम चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्लास्टिक कचरे से निपटने के लिए बेहद जरूरी है कि इसके प्रबंधन के बारे में जनमानस को जागरूक किया जाये, क्योंकि इस मुहिम में जनमानस की भागीदारी अत्यंत महत्वपूर्ण है।