नई दिल्ली, सत्यकेतन समाचार। उत्तरी दिल्ली के महापौर जय प्रकाश ने बुधवार को बताया कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार निगम के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय के हालिया आदेश के अनुपालन में, गलत सील हुई रिहायशी संपत्तियों को उपयुक्त जांच के बाद डि-सील किया जाए. उन्होंने कहा कि किसी भी रिहायशी संपत्ति को डि-सील करने से पहले निगम के अधिकारी पूरी प्रक्रिया का पालन करेंगे और जल्द से जल्द लोगों को राहत दि जाएगी.
यह भी पढ़ें:- उत्तरी दिल्ली के महापौर जलभराव वाले स्थानों पर रुके हुए पानी खुद हटावाने पहुंचे
महापौर जय प्रकाश ने कहा है कि निगरानी समिति द्वारा जिन संपत्तियों को गलत सील किया गया था और वहां कोई व्यावसायिक गतिविधियां संचालित नहीं हो रही थी तो उन्हें तत्काल निगम द्वारा राहत दि जाएगी है.
यह भी पढ़ें:- अब दिल्ली में खुलेंगे होटल, साप्ताहिक बाजार भी ट्राइल पर खुलेंगे
महापौर जय प्रकाश ने कहा कि अगर किसी संपत्तिधारक ने रिहायशी संपत्ति द्वारा नियमों का उल्लंघन नहीं किया हो और ना ही सरकारी भूमि पर अतिक्रमण किया हो, ऐसे भवनों को राहत दी जानी चाहिए. जय प्रकाश ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का लाभ पीड़ित लोगों को अतिशीघ्र मिले इस के लिए निगम के अधिकारियों को निर्देश दिए गए है.
गौरतलब है कि सर्वोच्च न्यायालय ने 2006 में निगरानी समिति का गठन किया था.