- कौन है कांस्टेबल अमित कुमार की जान का दोषी ?
- क्या रक्षक के साथ भी होगा ऐसा ?
- समय पर मिलता इलाज तो शायद नहीं जाती जान
- अस्पतालों में इलाज के लिए भटकता रहा सिपाही
- नहीं किया किसी भी अस्पताल में दाखिल
- क्या सरकारी वादे, सिर्फ बातें ?

नई दिल्ली। सरकारों के खोखले वादों के चलते दिल्ली पुलिस के सिपाही ने गवाई अपनी जान. 31 साल के कांस्टेबल अमित कुमार दिल्ली के भारत नगर थाने में तैनात थे जब उनकी तबियत अचानक बिगड़ी. 5 मई को अमित की तबियत अचानक खराब हुई और तेज बुखार आया और सांस लेने में दिक्कत हुई. कांस्टेबल अमित के दोस्त इलाज के लिए अस्पतालों में भटकते रहे लेकिन किसी भी अस्पताल में अमित को एडमिट नहीं किया.
सरकारें वादे कर रही है हजारों कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए सरकार तैयार है. लेकिन असल सच्चाई कुछ ओर ही है. एक सिपाही इलाज के लिए भटकता रहा पर कहीं पर कोई इलाज नहीं हुआ. बस हुई तो इधर से उधर भागदौड़ और अंत में सिपाही को अपनी जान गवानी पड़ी.
कोरोना वायरस से दितरात लड़ाई लड़ रहे दिल्ली पुलिस के एक सिपाही की सोमवार को अचानक तबीयत बिगड़ी और 24 घंटे की अंदर ही मंगलवार शाम उसकी मौत हो गई. बुधवार को मिली जांच रिपोर्ट में उसके कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद संक्रमण से किसी पुलिसकर्मी की यह पहली मौत है.
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उत्तर-पश्चिम जिले के भारत नगर थाने में तैनात यह सिपाही हरियाणा के सोनीपत का रहने वाला था और उसमें कोरोना संक्रमण के कोई लक्षण नहीं थे. उसके साथ रहने और ड्यूटी करने वाले सभी पुलिसकर्मियों को क्वारंटीन किया जा रहा है.
पुलिस के मुताबिक हुलहेड़ी, सोनीपत (हरियाणा) निवासी अमित कुमार राणा (32) परिवार गांव में ही रहता है. फिलहाल अमित भारत नगर थाने में तैनात और उसकी ड्यूटी डाक लाने- ले जाने की थी.
सोमवार शाम ड्यूटी के बाद वह अपने दोस्त नवीन के साथ गांधी विहार, मुखर्जी नगर में लिए किराए के कमरे पर आ गया था. नवीन मुखर्जी नगर थाने में सिपाही है. उसने बताया कि रात को अमित को हल्का बुखार था.
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रात करीब दो बजे अचानक सांस लेने में दिक्कत होने लगी. कोरोना संक्रमण की आशंका को देखते हुए नवीन ने कोविड-19 हेल्प लाइन नंबर पर कॉल की, लेकिन उसे कोई जवाब नहीं मिला तो वह उसे डॉ. भीमराव अम्बेडकर अस्पताल ले गया.
यहां से अमित को दीपचंद बंधु अस्पताल ले जाया गया. डॉक्टरों ने दवाई देकर टेस्ट करवाने की बात कही. अशोक विहार के कोविड सेंटर में अमित का सैंपल कर कमरे पर भेज दिया. मंगलवार शाम सात बजे अचानक अमित की तबीयत बिगड़ी. उसे फौरन आरएमएल अस्पताल ले जाया गया, लेकिन रास्ते में ही दम तोड़ दिया.
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जिस तरह से अमित की कोरोना से मौत हुई है, उसने जरूर सबको चिंता में डाल दिया है क्योंकि दिल्ली पुलिस लगातार इलाके की निगरानी के साथ कोरोना मरीजों के आसपास के इलाके की सुरक्षा, लोगों को खाना बंटवाने से लेकर हॉटस्पॉट इलाके की निगरानी करती है. दिल्ली पुलिस के अब तक 81 लोगों को कोरोना हो चुका है जिसमें चांदनी महल थाने को बंद तक कर देना पड़ा था.
A member of our family, Ct. Amit made the greatest sacrifice in the fight against COVID. We pay our homage to this great warrior. 🙏🏽🙏🏽 pic.twitter.com/VeD9jOibLS
— Delhi Police (@DelhiPolice) May 6, 2020
दिल्ली पुलिस ने अपने साथी की कोरोना से हुई मौत पर शोक जताया है. खुद दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने बयान जारी कर कहा है कि अमित के परिवार की हर तरीके से मदद की जाएगी लेकिन पुलिस फोर्स में कोरोना से मौत का ये पहला मामला नहीं है. इससे पहले पंजाब, इंदौर और मुंबई समेत कई दूसरे राज्यों में भी कोरोना से लड़ रहे पुलिसकर्मियों की मौत हो चुकी है. दिल्ली से सटे नोएडा में भी डायल 112 पर तैनात पुलिसकर्मी भी कोरोना का शिकार हो गया है.
दिल्ली पुलिस के सिपाही दिनरात लोगों को रक्षा कर रहें हैं. कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए अपने जान को जोखिम डालकर अपनी ड्यूटी कर रहे हैं.