England : हो गयी बेटे की मौत, लॉकडाउन के चलते पुणे में फंसे माता-पिता

England : हो गयी बेटे की मौत, लॉकडाउन के चलते पुणे में फंसे माता-पिता

England: Son dies, parents stranded in Pune due to lockdown
England: Son dies, parents stranded in Pune due to lockdown

England, सत्यकेतन समाचार : कोरोना वायरस की वजह से हुए लॉकडाउन में पुणे में फंसे होने की वजह से एक माता-पिता अपने बेटे के अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हो पा रहे हैं और उसकी अंतिम झलक पाने के लिए तरस रहे हैं। पिता ने ब्रिटेन की सरकार से शव को रिलीज करने की अपील की है। दरअसल, यूके की यूनिवर्सिटी ऑफ सेंट्रल लंकाशायर में मार्केटिंग के 23 साल के छात्र सिद्धार्थ मुरकुंबी 15 मार्च को लापता हो गए थे। पुलिस को नदी के किनारे सिद्धार्थ का शव मिला था। फिलहाल, सिद्धार्थ के माता-पिता पुणे में लॉकडाउन में फंसे हुए हैं।

सिद्धार्थ के पिता शंकर मुरकुंबी ने यूके की सरकार से शव को तुरंत रिलीज करने की गुहार लगाई है। उन्होंने कहा कि वह कम से कम उसकी अंतिम दर्शन के योग्य हैं और उसकी मां अपने बेटे को अंतिम बार गले लगाने की हकदार है। 57 वर्षीय पिता शंकर ने एक टीवी चैनल को बताया कि असहनीय त्रासदी के इस समय में उन्हें यात्रा न करने की अप्रत्याशित चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।

हालांकि, सिद्धार्थ के माता-पिता अंतिम संस्कार के लिए अपने बेटे के शव को लेने या उसके अवशेष को खुद एकत्र करने में असमर्थ हैं, क्योंकि कोरोना वायरस के कारण चल रहे यात्रा प्रतिबंध के कारण वे यूके नहीं जा सकते।

पुलिस को शक है कि सिद्धार्थ ने आत्महत्या की है। यूनिवर्सिटी में सिद्धार्थ के सीनियर शिवम जो कि मौत के दो दिन पहले ही उससे मिला था, उसने कहा कि वह आत्महत्या कर सकता है, ऐसा मैं सोच ही नहीं सकता।

पिता शंकर ने कहा कि हमें पुलिस से जानकारी मिली कि सिद्धार्थ का शव रिबी नदी के किनारे मिला था और इसे रॉयल प्रेस्टन अस्पताल के मुर्दाघर में ले जाया गया, जहां कोरोनर प्रक्रिया पूरी हुई। बता दें कि यूके में कोरोनर एक सरकारी अधिकारी होता है, जो मौत के तरीके और कारण के बारे में जांच करता है।

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रॉयल प्रेस्टन अस्पताल के कोरोनर ने शंकर को लिखा है कि और पूछा है कि क्या वह पूछताछ में भाग लेना चाहते हैं। हालांकि, सितंबर तक सभी पूछताछ प्रक्रिया को रद्द कर दिया गया है।

जैसा कि उम्मीद है कि परिवार इस प्रक्रिया में शामिल नहीं हो सकता है। तुरंत ही कागजी कार्रवाई पूरी हो जाएगी और कुछ हफ्तों में शव दाह संस्कार के लिए भेज दिया जाएगा। हालांकि, परिवार ने तब कोरोनर के पूछताछ में शामिल नहीं होने और प्रक्रिया में देरी करने का फैसला किया था। मगर अब उन्होंने अपील की है कि अंतिम संस्कार के लिए सिद्धार्थ के पार्थिव अवशेष जल्द से जल्द उन्हें वापस कर दिए जाएं।

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