नई दिल्ली, सत्यकेतन समाचार। दिल्ली समेत देशभर में खुलने को लेकर इन दिनों तमाम तरह की अटकलों का बाज़ार गर्म है। लॉकडाउन अब खुलेगा, तब खुलेगा या नहीं खुलेगा आदि। लेकिन ये तो तय है कि अगर लॉकडाउन खुला भी तो कई दुकानें लॉकडाउन ही हो जाएंगी। दरअसल, तमाम बाज़ारों में कई दुकानें किराए पर चल रही हैं, जिनके लिए किराया निकलना भी मुश्किल हो गया है। ऊपर से लॉकडाउन ने तो इन किरायेदारों की कमर ही तोड़ दी है।
- तमाम बाज़ारों में किराए पर चल रही हैं ज्यादातर दुकानें
उल्लेखनीय है कि तमाम छोटे-बड़े बाज़ारों में लगभग आधी से ज़्यादा दुकानें तो किराए पर ही चलाई जा रही हैं। ऐसे दुकानदारों के लिए हर महीने सबसे पहली चिंता दुकान का किराया निकलना होता है। किराया निकलने के बाद ही वे उस स्थिति में पहुंच पाते हैं कि अब वे एक महीने में कितना मुनाफा निकाल पाएंगे। ये सब निर्भर करता है उनके रोज़मर्रा के व्यापार और दुकानदारी पर। इसी आधार पर वे किसी भी बाजार में लंबे समय तक जम या टिक पाते हैं।
- पहले दंगों और अब लॉकडाउन के चलते महीने भर से हैं बंद
अगर दिल्ली की बात ही करें, तो पिछले दो महीने बाजार और व्यापार के लिहाज से काफी भयावह साबित हुए हैं। दरअसल, फरवरी में जहां दंगों के चलते व्यापार और दुकानदारी चौपट रही, वहीं मार्च में पहले कोरोना महामारी का डर और फिर लॉकडाउन ने व्यापारिक उम्मीदों पर पानी फेर दिया।
- लोगों के लिए किराया निकलना भी हुआ मुश्किल
नुकसान तो सभी को हुआ, लेकिन सबसे ज्यादा नुकसान हुआ किराए की दुकानों से व्यापार कर रहे दुकानदारों को। अप्रैल शुरू हो गया है और अभी भी मौजूदा लॉकडाउन में हफ्ते भर से ज्यादा का समय बाकी है। अब ऐसे दुकानदारों की माने तो लॉकडाउन खुलने पर भी उनके लिए हालात अगले कई महीने के लिए मुश्किल रहेंगे। ऐसे में बेहतर यही होगा कि वे किराए की दुकानें छोड़कर कुछ और सोचें या कुछ और करें।