कुछ यूं बीता तीन दिवसीय 72वें वार्षिक निरंकारी सन्त समागम का दूसरा दिन

कुछ यूं बीता तीन दिवसीय 72वें वार्षिक निरंकारी सन्त समागम का दूसरा दिन

समालखा, सत्यकेतन समाचार। तीन दिवसीय 72वें वार्षिक निरंकारी सन्त समागम के दूसरे दिन आज समागम के दूसरे दिन का कार्यक्रम एक भव्य सेवादल रैली से शुरु हुआ जिसमें देश भर से आए हुए हजारों सेवादलों ने अपनी वर्दी पहन कर भाग लिया।

सेवादल ने सेवा को ईश्वर और सद्गुरु के प्रति भक्तिभाव प्रकट करने के प्रभावी साधन के रुप में दर्शाया। सेवादल रैली को सम्बोधन करने आए सद्गुरु माता सुदीक्षा जी महाराज स्वयं सेवादल  की वर्दी पहने हुए थे और उन्होंने प्रार्थना गीत में भी भाग लिया। अपने आशीर्वाद में सद्गुरु माता ने कहा कि मिशन के शुरु के वर्षों से ही सेवादल अपनी सेवाओं को निभाता आ रहा है।

सेवादल की वर्दी केवल वस्त्र का रुप नहीं होती। यह जहां हमारी शोभा बढ़ाती हैं वहां उसकी अपनी एक मर्यादा भी है। वर्दी के साथ साथ सेवा का भाव भी मन में होना जरुरी है। सेवा चेतन होकर की जाती है। सेवादल वर्दी में हमारी जिम्मेवारी बढ़ जाती है। हम अपने अहंकार को दूर कर और बोलों में मिठास रखते हुए अपनी सेवायें निभायें।

इस अवसर पर संत निरंकारी मंडल के उपाध्यक्ष तथा सेवादल के मेंबर इंचार्ज वी.डी.नागपाल ने सेवादल के भाई-बहनों के लिए सद्गुरु माता से आशीर्वादों की कामना की। उन्होंने कहा कि बोलों से अधिक कर्म शक्तिशाली होता है। सेवादल अपने योगदान द्वारा समाज में एक मिसाल कायम करें और एक एक श्वांस मानवता की सेवा में मिशन की सिखलाई के अनुसार लग पाए।

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