Russia Ukraine War: धीरपुर की तन्मया मुश्किलों के बीच पहुंची रोमानिया, 48 घंटे तक नहीं हुआ था परिवार से संपर्क

नवीन कुमार। यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध में हालात लगातार बिगड़ते जा रहे है। ऐसे में भारत सरकार ‘ऑपरेशन गंगा’ के तहत यूक्रेन में फंसे हजारों छात्र-छात्राएं वतन वापसी लाया जा रहा है। यूक्रेन में बिगड़ते हालातों के बीच अभी भी हजारों छात्र-छात्राएं फंसे हुए है।

दिल्ली सरकार की ओर से यूक्रेन से दिल्ली के लोगों को वापस लाने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। दिल्ली के अधिकारियों ने गुरुवार को कहा कि लगभग 650 दिल्ली निवासी अभी भी युद्धग्रस्त यूक्रेन में फंसे हुए हैं, जबकि राष्ट्रीय राजधानी के 215 लोगों को अब तक वहां से वापस लाया जा चुका है। सरकारी अधिकारियों ने बताया कि केंद्र की ओर से दी गई सूची के मुताबिक दिल्ली के करीब 870 लोग यूक्रेन में थे।

इसी में एक आदर्श नगर विधानसभा क्षेत्र के धीरपुर गांव की बेटी तन्मया सिंघल भी वही पर हैं। तन्मया सिंघल पेट्रो मोहल्या ब्लैक-सी नेशनल यूनिवर्सिटी, मायकलेव यूक्रेन में मेडिकल की चौथे वर्ष की छात्रा है। तन्मया यूक्रेन के युद्धग्रस्त क्षेत्र में करीब सात दिनों तक फंसी रही। फिलहाल तन्मया हिम्मत करकर रोमानिया पहुंच गई है। तन्मया के साथ में करीब सकड़ों छात्राएं फंसी हुई थी। जो अब बिल्कुल सुरक्षित है।

तन्मया के पिता गणेश सिंघल ने बताया कि बुधवार तक हमारी बेटी से संपर्क किए हुए करीब 48 घंटे बीत गए थे। कोई संपर्क नहीं हो पा रहा था। लेकिन बीती रात करीब 2 बजे हमारी तन्मया से बात हुई। तब तन्मया ने बताया कि यूक्रेन से एक प्राइवेट बस हायर करके जैसे-तैसे रोमानिया तक पहुंच गए है। वहीं, सत्यकेतन समाचार ने तन्मया सिंघल से बात कि तो उन्होंने बताया कि वह इस समय एक शेल्टर में हैं। इंडियन एंबेसी की देखरेख में हैं और सभी लोग सुरक्षित है।