Maharashtra Vaccination: केंद्र ने कहा 18+ के लिए मौजूद वैक्सीन को 45 से अधिक उम्र वालों को देना होगा, जानें क्या है हक़ीक़त?

नई दिल्ली, रितेशु सेन। कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप पर रोक लगाने के लिए देशभर में टीकाकरण अभियान जारी है. इसी बीच टीकाकरण को लेकर महाराष्ट्र राज्य से हैरान कर देने वाली जानकारी मिली है. जहाँ वैक्सीनेशन को लेकर सियासी विवाद गर्माता जा रहा है.

महाराष्ट्र में 45+ वालों का वैक्सीनेशन खूब जमकर कराया जा रहा है. लेकिन, 18 से 44 साल के लोगों के लिए महाराष्ट्र सरकार ने कम वैक्सीन होने की बात रख उनके टीकाकरण पर फिलहाल रोक लगा दी. इसका कारण महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री ने मंगलवार को बताया कि, “केंद्र के पास वैक्सीन की किल्लत पड़ने की वजह से बचे हुए स्टॉक को भी 45 या उससे अधिक उम्र वाले लोगों को दिया जाएगा।” इतना ही नहीं स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने यह तक बयान में कह दिया कि, “ऐसा करने की सलाह उन्हें खुद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्द्धन ने दी है.”

केंद्र सरकार ने किया स्पष्ट !

जिसके बाद, बुधवार को केंद्र सरकार की ओर से केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्द्धन के बयान पर स्पष्टीकरण किया गया. जिसमे उन्होने बताया कि, डॉक्टर हर्षवर्द्धन ने किसी भी राज्य की सकरार को ऐसा कोई सुझाव नहीं दिया है. साथ ही उन्होंने बताया कि, “केंद्र सरकार ने बीते मंगलवार को सभी राज्य को सम्बोधित करते हुए यह कहा था कि जिन्हें कोरोना टीके के दूसरे खुराक की आवश्यकता है उन्हें प्राथमिकता दी जानी चाहिए। लेकिन, महाराष्ट्र राज्य सरकार को यह कतई सुझाव नहीं दिया गया कि, वहां पर 18+ वालों के लिए उपलब्ध टीके को 45 या उससे ऊपर वालों को दे दी जाए.” मालूम हो कि, राजेश टोपे की स्टेटमेंट को पीआईबी ने भी जांच कर झूठा बताया है.

क्या कहा था राज्य स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने ?

ख़बरों के अनुसार, महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा था, “मैंने खुद डॉक्टर हर्षवर्द्धन से संपर्क कर बातचीत की है। जिसके दौरान उन्होंने मुझसे कहा कि केंद्र सरकार के पास असल में अधिक कोरोना टीका मौजूद नहीं है। इसलिए उन्हें भी लगता है कि अब कोई और रास्ता नहीं है। हमें 18+ के लिए उपलब्ध वैक्सीन को 45+ वालों को देना होगा। 18 से 44 साल वालों के टीकाकरण को धीमा करना पड़ेगा क्योंकि टीके उपलब्ध नहीं है। हम विदेश से भी वैक्सीन खरीदना चाहते हैं लेकिन वहां भी टीके नहीं हैं।”