Bus Marshal Protest: अपनी मांगों के समर्थन में दिल्ली सचिवालय के बाहर कई दिनों से धरना दे रहे बसों के मार्शलों को रविवार को सुरक्षा के लिहाज से पुलिस ने जबरन हटा दिया। इस मामले पर दिल्ली सिविल डिफेंस (DCD) व कुछ होमगार्ड कर्मियों ने आरोप लगाया है कि केजरीवाल सरकार लगातार सितम पर सितम कर रही है। इन पूर्व कर्मियों में इस बात को लेकर भी रोष है कि दिल्ली सरकार की ज्यादती के चलते हमारे एक साथी का रविवार को निधन भी हो गया।
उन्होंने कहा कि सरकार पहले तो हमारा पांच महीने का वेतन नहीं देर ही, दूसरे हमारी सेवाएं भी समाप्त कर दी गई, जबकि तीसरा यह कि हमें विरोध स्वरूप धरना प्रदर्शन भी नहीं करने दिया जा रहा। एक पूर्व मार्शल ने कहा कि खुद धरना प्रदर्शन करते हुए सत्ता तक पहुंचे मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आज हमारे संवैधानिक प्रदर्शन तक नहीं करने दे रहे। सुबह सचिवालय के बाहर भारी तादाद में सुरक्षा बल पहुंचा और धरने पर बैठे मार्शलों को जबरन हटाया और बसों में बैठाकर था बवाना थाने ले गए। बाद में सभी को छोड़ दिया गया और सचिवालय के बाहर धरना नहीं देने की बात कही गई, लेकिन बवाना से आने के बाद एक बार फिर मार्शल सचिवालय के बाहर जुटने लगे, लेकिन सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें सचिवालय के गेट नंबर 6 पर धरने के लिए बैठने ही नहीं दिया।
जानकारी के अनुसार, मार्शल सचिवालय से कुछ दूर राजघाट के नजदीक पावर हाउस के पास जुटे रहे। इन मार्शलों का कहना है कि ऐसी सूरत में सोमवार तक हम नई रणनीति बनाकर धरना शुरू करेंगे। इन मार्शलों ने मजबूती से कहा कि जब तक हमें पांच महीने का वेतन व होमगार्ड में नियुक्ति नहीं मिलती हम पीछे नहीं हटेगें।